तेरे सिवा
इस मन को कोई भाया ही नहीं।
तेरे सिवा
इस दिल को किसी ने उलझाया ही नहीं।
तेरे सिवा
रूह ने किसी को अपना बनाया ही नहीं।
तेरे सिवा
कोई सपना नींद ने कभी दिखा ही नहीं।
तेरे सिवा
कोई अपना भी हो लगा ही नहीं।
तेरे सिवा
हाथ किसी ने ऐसे थाम समझाया ही नहीं।
तेरे सिवा
आँखों से प्यार किसी ने जताया ही नहीं।
तेरे सिवा
रंगों की पहचान किसी ने करवाया ही नहीं।
तेरे सिवा
मुझे मुझसे किसी ने मिलवाया ही नहीं।
तेरे सिवा
मेरी अठखेलियों पर कोई मुस्कुराया ही नहीं।
तेरे सिवा
मेरी नादानियों को अपना किसी ने बनाया ही नहीं।
तेरे सिवा
मेरी ज़िंदगी में नूर कोई आया ही नहीं।
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