Wednesday, 9 June 2021

आँखों का प्यार

मुद्दत बाद आज तेरी आँखों में झांका
तो निगाहों में मैं तो थी,
पर मेरे लिए वो प्यार कहीं खो सा गया था।
ये मेरा वहम है या किसी तूफान का डर,
जाने क्यों तेरे एकरार पे आज ऐतबार ना हुआ।
क्या हुआ जो मुझे तुझसे तुझसा प्यार ना हुआ।
पर पहले कभी तेरी आँखों में मेरी खातिर
वो प्यार तो कम ना हुआ , फिर आज क्यों?
वो आज़माइश तेरे ईश्क की निगाहों से
थोड़ा एकरार और इन्कार था ज़िक्र जिसमें
बस प्यार, आज उस प्यार पर करार ना हुआ।
तुम्हारी आँखों में झांक मुझे आज, तुमसे वो प्यार ना हुआ।

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